आरएसएस के पूर्व जिला संच चालक शम्भू प्रसाद भट्ट के जन्म शताब्दी समारोह का हुआ आयोजन/ श्री भट्ट,पुत्र विनय भट्ट व पुत्रवधू ने नेत्रदान का लिया संकल्प

National Uttarakhand

देहरादून -राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व जिला संघचालक शंभू प्रसाद भट्ट जी का जन्म शताब्दी समारोह मनाया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक माननीय विजय जी,प्रांत प्रचारक डॉक्टर शैलेंद्र जी,प्रांत कार्यवाह दिनेश सेमवाल जी ,महानगर संघचालक चंद्रगुप्त विक्रम जी एवं वरिष्ठ संघ अधिकारी उपस्थित रहे।‌ उक्त कार्यक्रम शाकुम्भरी गार्डन,तुनवाला, देहरादून में सम्पन्न हुआ।

 शंभू प्रसाद भट्ट जी 1940 में के दशक में जब देहरादून में संघ प्रारंभ ही हुआ था उसी समय समय से 15-16 वर्ष की अवस्था में संघ कार्य से जुड़ गए । संघ द्वारा चलाए गए अब तक के सभी राष्ट्रीय आंदोलनो में उन्होंने बढ़ चढ़कर भाग लिया कई बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा , चाहे वह 1948 में संघ पर प्रतिबंध ,1966 में गौ हत्याबंदी आंदोलन,1975 में आपातकाल में तथा राम जन्म भूमि  आंदोलन एवं मूल रूप से किसान होने के कारण भारतीय किसान संघ के माध्यम से उन्होंने डंकल प्रस्ताव का विरोध ,स्वदेशी आंदोलन आदि सभी में बढ़ - चढ़कर भाग लिया  । श्री भट्ट जी बहुत ही सरल व शांत स्वभाव के धनी हैं ,श्री भट्ट जी ने विपरीत परिस्थितियों में संघ कार्य किया । 

श्री भट्ट जी को समाज तथा देश के लिए काम करना यह संस्कार परिवार से मिले थे और संघ में उनका प्रकटीकरण हुआ । “देश हमे देता है सब कुछ , हम भी तो कुछ देना सीखें” समाज है आराध्य हमारा,सेवा है आराधना” इन पंक्तियों को सार्थक किया ।

शम्भू प्रशाद भट्ट जी ने इस अवसर पर अपने नेत्र दान तथा उनके बड़े सुपुत्र विनय शंकर भट्ट एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती दीपमाला भट ने संघ के वरिष्ठ प्रचारक तथा दधीचि देह दान समिति के संस्थापक, संरक्षक श्री विजय जी के समक्ष फार्म भर कर संकल्प लिया। आपकी पुत्रवधु ने पहले ही अपने भाई के बेटे को अपनी एक किडनी दान की हुई है

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