देहरादून-देवभूमि की पावन भूमि पर सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल “मैक्स” में मरीज पर दवाब बनाकर हार्ट मे स्टेन्ट डालने का काला कारोबार प्रकाश मे आया है। मैक्स व सुप्रसिद्ध हार्ट स्पेशलिस्ट डा योगेन्द्र सिंह पर स्टेन्ट डालने हेतु दवाब बनाने की खातिर एक डाइबिटिक मरीज को घन्टों तक बन्धक की तरह रोके रखकर जान तक जोखिम मे डालने की लिखित शिकायत की गई है। पत्रकार सुरेन्द्र अग्रवाल द्वारा उत्तराखन्ड मेडिकल काउंसिल को की गई शिकायत मे डा योगेन्द्र सिंह पर उत्तराखंड मे प्रैक्टिस करने पर रोक लगाने की मांग की गई है।
जिस चिकित्सक को भगवान तक कहा गया है,उसी चिकित्सा वर्ग में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो मरीज पर अनुचित दवाब बनाकर अधिकाधिक धन कमाने मे जुटे हैं,ऐसा ही एक मामला देहरादून के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ योगेन्द्र सिंह से सम्बंधित सामने आया।
दरअसल डा योगेन्द्र सिंह ने पत्रकार व सीनियर सिटीजन सुरेन्द्र अग्रवाल को एन्जियोग्राफी का परामर्श देते हुए सोमवार को खाली पेट मैक्स अस्पताल सुबह 8 बजे पहुंचने को कहा।
अग्रवाल ने डा योगेन्द्र सिंह को बताया कि वह हाईली डाइबिटिक है, सुबह अक्सर सुगर लो हो जाती है। इस पर डा योगेन्द्र सिंह ने उन्हें आश्वस्त किया कि तुम्हे एक घंटे के भीतर फ्री कर देंगे। मै सब संभाल लूंगा,तुम बस खाली पेट सुबह 8 बजे आ जाओ।
सोमवार को सुबह एन्जियोग्राफी सम्पन्न हो गई। डा योगेन्द्र सिंह ने पत्रकार के परिजनों को बुलाकर दवाब बनाया कि 80 % ब्लाकेज है, तुरंत स्टेंट डालना पड़ेगा। मेरे परिवारजनों ने तुरंत स्टेंट डलवाने से मना कर दिया।
दो टूक शब्दों में मना करने के बाद डा योगेन्द्र सिंह व मैक्स अस्पताल का असली खेल शुरू हो गया। एन्जियोग्राफी हो जाने के उपरांत भी घन्टों तक डिस्चार्ज न बनाकर पत्रकार को घन्टों तक बन्धक की तरह रोके रखा गया।
डाइबिटीज का रोगी होने के बावजूद स्टेंट डलवाने का दवाब बनाने की खातिर घन्टों तक डिस्चार्ज नहीं किया गया। सुगर के मरीज पत्रकार की जान तक जोखिम मे डाल दी गई।
किसी तरह बचकर निकलने मे कामयाब रहे पत्रकार सुरेन्द्र अग्रवाल द्वारा आज दिन मे उतराखन्ड मेडीकल कांउसिल के रजिस्ट्रार को लिखित शिकायत कर मैक्स अस्पताल व डा योगेन्द्र सिंह के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने व डा योगेन्द्र सिंह की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने की मांग की गई है।

