देहरादून- दो पहिया वाहनों पर पीछे बैठी सवारी पर हैल्मेट के आधार पर हजारों रुपए का जुर्माना ठोककर अपनी पीठ खुद थपथपाने वाले पर आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी से जब सचिवालय में चार पहिया वाहनों में आने वाले महानुभावों की सीट बैल्ट के लिए मीडिया के समक्ष जांच अभियान चलाने के लिए जब “सूर्यजागरण” द्वारा मुलाकात कर प्रस्ताव दिया गया तो आरटीओ शैलेश तिवारी बगलें झांकने लगे। आरटीओ शैलेश तिवारी से “सूर्यजागरण” द्वारा निष्पक्ष कार्यप्रणाली अपनाने के सवाल का जवाब तक देते नहीं बना।
A- मुख्य सचिव महोदया द्वारा दस जून को दोपहिया व चारपहिया वाहनों के लिए जारी किया गया था आदेश :-
उत्तराखंड की मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी द्वारा बीती 10 जून को एक आदेश जारी किया, जिसके अनुसार चार पहिया वाहनों की आगे व पीछे बैठी सभी सवारियों के लिए सीट बैल्ट अनिवार्य कर दी गई, साथ ही दो पहिया वाहनों में पीछे बैठी सवारी के लिए हैल्मेट अनिवार्य कर दिया गया।
B-मुख्य सचिव के आदेश के अगले ही दिन आरटीओ शैलेश तिवारी के निर्देश पर देहरादून सहित चार जनपदों में लगभग तीन सौ अधिक चालान ठोक दिए गए :-
मुख्य सचिव महोदया के आदेश के अगले ही दिन आरटीओ शैलेश तिवारी के निर्देश पर अधिकांश चालान उन दोपहिया वाहन चालकों का कर दिया गया। जो सुबह से शाम तक अपनी जरूरतों पर दौड़ने वाला आम नागरिक चलाता है। आरटीओ महोदय ने दोपहिया वाहन की पीछे की सवारी के हैल्मेट लगाने के लिए जागरुकता पैदा करने के स्थान पर जुर्माना ठोकना ही एकमात्र विकल्प माना गया।
C– आम आदमी पर जुर्माना परन्तु खास पर मेहरबान क्यों है आरटीओ शैलेश तिवारी :-
आरटीओ शैलेश तिवारी की यह कार्रवाई पर देहरादून में जबरदस्त चर्चा है। दूनवासियों का कहना है कि मुख्य सचिव के आदेश के एक भाग को तो आरटीओ शैलेश तिवारी ने आम नागरिकों पर सख्ती से लागू कर जुर्माना ठोंक दिया गया परन्तु जिन चार पहिया वाहनों में सरकारी अधिकारीगण चलते हैं,ऐसे एक भी चारपहिया वाहन में पीछे की सीट पर सीट बैल्ट न तो चैक की गई और न जुर्माना किया गया।
D-चार पहिया वाहनों से सचिवालय आने वाले सरकारी अधिकारियों द्वारा सीट बैल्ट की जांच मीडिया के सामने की जाए :-
दो पहिया वाहनों पर चलने वाले आम नागरिकों पर आरटीओ शैलेश तिवारी द्वारा जुर्माना ठोक दिया गया, परन्तु चार पहिया वाहनों में पीछे की सीट पर बैठने वाले एक भी सरकारी अधिकारी द्वारा सीट बैल्ट की चैकिंग करने की जहमत नहीं उठाई गई।
आमजन के हितार्थ सदैव आवाज बुलंद करने वाले “सूर्यजागरण” ने आरटीओ शैलेश तिवारी को सम्बोधित लिखित पत्र दिया और आरटीओ कार्यालय में जाकर मुलाकात की। “सूर्यजागरण” ने शैलेश तिवारी को उनका कर्तव्य याद दिलाते हुए कहा कि उनकी कार्यवाही अमीर गरीब, सरकारी -आमजन , सभी के साथ निष्पक्ष होना ही नहीं चाहिए, बल्कि निष्पक्ष दिखना भी चाहिए।
E-सूर्यजागरण के बेवाक सवालों पर अभद्रता पर उतरे आरटीओ शैलेश तिवारी:-
"सूर्यजागरण" के बेवाक सवालों से आरटीओ शैलेश तिवारी बगलें झांकने लगे। वो धैर्य खोते हुए अभद्रता तक पर उतर आए। वह मर्यादा विहीन आचरण का प्रदर्शन करने लगे।
F-आमजन के हित में सदैव आवाज बुलंद करता रहेगा सूर्यजागरण :-
सूर्यजागरण का सदैव से यह प्रयास रहा है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में आमजन से उचित व्यवहार हो। किसी भी नियम का पालन करने के लिए आमजन को जागरुक किया जाए। केवल जुर्माना का भय दिखाकर कार्य करने वाली कार्यप्रणाली पर विराम लगे।
