देहरादून -पीआईबी के देहरादून मे पदस्थ क्षेत्रीय अधिकारी अनिल दत्त शर्मा, जो कि एक लोकसेवक हैं,स्वयं को पूर्व पत्रकार बताते हुए बेहद उच्च विचार का व्यक्ति बताते हैं, लेकिन उन्होंने सूर्यजागरण न्यूज़ पोर्टल पर बेवाक खबरो के प्रकाशन पर सम्पादक सुरेन्द्र अग्रवाल के विरुद्ध वाट्सएप मैसजो मे बेहद ही अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया है। जिस पर अनिल दत्त शर्मा को सम्पादक सुरेन्द्र अग्रवाल द्वारा आईपीसी की धारा 499, 500 के तहत कानूनी नोटिस भेजा गया है।
A-प्रधानमंत्री के पिथौरागढ़ कार्यक्रम मे हिन्दी की उपेक्षा करने की न्यूज़ सूर्यजागरण न्यूज़ पोर्टल मे की गई थी प्रकाशित ‘-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की गत 12 अक्टूबर को पिथौरागढ़ मे जनसभा थी, जनसभा मे प्रधानमंत्री के सम्बोधन की न्यूज़ भेजने का दायित्व पीआईबी का था। उत्तराखंड एक हिन्दी भाषी क्षेत्र है। उत्तराखंड सहित उत्तर भारत के सैकड़ों हिन्दी समाचारपत्रों के संचालक प्रधानमंत्री के सम्बोधन की न्यूज़ की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे थे।
लेकिन पीआईबी के क्षेत्रीय अधिकारी अनिल दत्त शर्मा ने उत्तराखंड सरकार के अधिकृत न्यूज़ ग्रुप "PRESS INFORMATION" मे सबसे पहले इंगलिश,फिर उर्दू न्यूज भेजी। इन दोनों भाषाओं मे न्यूज़ भेजने के 45 मिनट बाद शर्मा द्वारा हिन्दी न्यूज़ भेजी गई। जिस कारण हिन्दी समाचारपत्रों को बहुत कठिनाई हुई।
सूर्यजागरण समूचे उत्तर भारत मे निर्भीकता व निष्पक्षता से न्यूज प्रकाशन के लिए जाना जाता रहा है, अतः सूर्यजागरण ने हिन्दी न्यूज़ की उपेक्षा करने से हिन्दी के समाचारपत्रों को हुई परेशानी सम्बन्धी न्यूज़ को सूर्यजागरण न्यूज़ पोर्टल पर बेवाकी से प्रकाशित किया।
B-सूर्यजागरण की खबर पर वाट्सएप पर लोकसेवक की सीमा व पद की गरिमा को भूलकर सम्पादक के लिए शर्मा ने किया अपमानजनक शब्दों का प्रयोग:-
प्रधानमंत्री के सम्बोधन की हिन्दी न्यूज़ की उपेक्षा सम्बन्धी न्यूज़ पीआईबी के क्षेत्रीय अधिकारी अनिल दत्त शर्मा को एक पत्रकार द्वारा वाट्सएप पर प्रेषित की गई।
इस न्यूज़ को पढ़ते ही अनिल दत्त शर्मा यह भूल गए कि वह एक लोकसेवक हैं और भारत सरकार के पीआईबी कार्यालय के क्षेत्रीय अधिकारी होने के नाते पद की गरिमा को भूलकर उन्होंने सूर्यजागरण के सम्पादक के लिए वाट्सएप पर बेहद अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। शर्मा के शब्द कुछ यूं थे-
"आप लोग मुझे ब्लैकमेल करने के इरादे से फर्जी खबरें चला रहे हैं,फर्क नहीं पड़ता है। अग्रवाल जी को अच्छा इंसान समझता था, परन्तु इतना गिर जाएगे,इसकी कल्पना नहीं की थी"
C-सूर्यजागरण के सम्पादक सुरेन्द्र अग्रवाल ने भेजा कानूनी नोटिस:-
अनिल दत्त शर्मा द्वारा भेजे गये अपमानजनक वाट्सएप मैसेज की जानकारी जब अनेक लोगो को हुई,तो वह लोग भी सुरेन्द्र अग्रवाल को इसी प्रवृत्ति का मान कर घृणा के भाव से देखने लगे।
अनिल दत्त शर्मा द्वारा भेजे गए इस मैसेज की और शब्दावली की जानकारी जब सम्पादक सुरेन्द्र अग्रवाल को हुई तो वह बहुत आहत हुए।
नियम कानून से चलने वाले सभ्य समाज बगैर किसी साक्ष्य के किसी पत्रकार के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग एक दन्डनीय अपराध है।
अपने कानूनी अधिकार का प्रयोग करते हुए सूर्यजागरण न्यूज़ पोर्टल के सम्पादक सुरेन्द्र अग्रवाल ने विद्वान अधिवक्ता श्री पंकज जोशी के माध्यम से आईपीसी की धारा 499,500 के तहत अनिल दत्त शर्मा को कानूनी नोटिस भेजा है।
D-15 दिन मे मांग लें लिखित मे माफी और राष्ट्रीय स्तर के अखबारों मे प्रकाशित कराएं माफीनामा:-
पीआईबी के क्षेत्रीय अधिकारी अनिल दत्त शर्मा को भेजे गए नोटिस मे कहा गया है कि अपमानजनक शब्दों के प्रयोग पर 15 दिन मे लिखित मे माफी मांग लें और माफीनामा राष्ट्रीय स्तर के अखबारों मे प्रकाशित कराएं।
E- दो साल तक की जेल की सजा का है प्रावधान:-
पीआईबी के क्षेत्रीय अधिकारी अनिल दत्त शर्मा ने सूर्यजागरण न्यूज़ पोर्टल के सम्पादक सुरेन्द्र अग्रवाल के विरुद्ध जिस प्रकार के अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया है। वह आईपीसी की धारा 499 एवं 500 के तहत दन्डनीय अपराध है।इसमें दोष सिद्ध होने पर न्यायालय द्वारा दो वर्ष तक की जेल की सजा सुनाई जा सकती है।
F-कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को इन्ही धाराओ मे सुनाई गई थी दो साल की सजा :-
कुछ लोगों का बगैर किसी पुष्ट साक्ष्य के किसी के विरुद्ध अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करना आदत बन चुका है, परन्तु न्यायालयों द्वारा हाल ही में सुनाए गए कई फैसलों पर सख्त रवैया अपनाया गया है।
कुछ समय पूर्व कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को आईपीसी की धारा 499 एवं 500 के तहत ही उन्हें दो वर्ष की सजा सुनाई गई थी,जिस कारण उनकी संसद सदस्यता तक निरस्त हो गई थी। बाद मे सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर संसद सदस्यता बहाल हो सकी थी।