देहरादूनवासी पदमश्री डा बी के एस संजय अपनी मातृभूमि बुन्देलखण्ड के ग्राम सैदनगर मे 22 अक्टूबर रविवार को हड्डी ,जोड एवं स्पाइन रोग के सम्बन्ध मे देंगे निशुल्क परामर्श

National Uttar Pradesh Uttarakhand

देहरादून/उरई (जालौन)- देश के जाने-माने आर्थोपेडिक एवं स्पाइन सर्जन,पदमश्री डा बी के एस संजय आगामी रविवार 22 अक्टूबर को अपनी मातृभूमि बुन्देलखण्ड के जनपद जालौन के ग्राम सैदनगर मे आयोजित निशुल्क परामर्श स्वास्थ्य शिविर मे भाग लेंगे।
आर्थोपेडिक सर्जन के रूप मे सारे देश में विख्यात डा बी के एस संजय को एक डाक्टर के रूप मे उनकी सामाजिकता एवं जनसेवा की भावना के दृष्टिगत भारत की नरेन्द्र मोदी सरकार उन्हें वर्ष 2021 मे पदमश्री के सम्मान से नवाज चुकी है।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून मे डा बी के एस संजय का आर्थोपेडिक व स्पाइन सर्जरी का आधुनिक सुविधाओं युक्त हास्पिटल है।

डा संजय की चिकित्सकीय के साथ-साथ सामाजिकता की भावना को इसी बात से समझा जा सकता है कि वह अपनी मातृभूमि बुन्देलखण्ड से निरन्तर जुडाव रखते हैं,इसी क्रम मे आगामी 22 अक्टूबर दिन रविवार को बुन्देलखण्ड के जनपद जालौन मे बेतवा नदी के किनारे स्थित सैदनगर ग्राम मे आयोजित निशुल्क हड्डी,जोड एवं स्पाइन रोग परामर्श शिविर मे भाग लेंगे‌


यह शिविर सैदनगर के मुहल्ला रजापुरा मे प्रातः 10 बजे से दोपहर दो बजे तक आयोजित किया जाएगा। शिविर मे अनुभवी चिकित्सक डा आकाश कुमार का भी चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त होगा।

*डा गोपाल के नाम से सैदनगर मशहूर रहे है डा बी के एस संजय -राजीव नारायण मिश्रा –

वरिष्ठ शिक्षक, समाजसेवी, राजनेता राजीव नारायण मिश्रा (सैदनगरवासी) ने सूर्यजागरण को बताया कि डा बी के एस संजय को सैदनगर सहित समूचा क्षेत्र “डा गोपाल” के नाम से जानता है। बचपन मे डा संजय द्वारा उनका एक आप्रेशन भी किया गया था। श्री मिश्रा ने बताया कि उनके शिक्षक पिता श्री जगदीश प्रसाद मिश्रा जी ने डा संजय को पढाया भी है।

*देवी मां अक्षरा देवी की सिद्धपीठ है सैदनगर मे-

बेतवा नदी के किनारे बसा ग्राम सैदनगर एक सिद्धपीठ है। यहां पर मां अक्षरा देवी एवं छिन्नमस्ता देवी के विख्यात मंदिर है,जहां पर वर्ष भर दूर दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। सैदनगर जनपद जालौन के मुख्यालय उरई से लगभग चालीस किलोमीटर दूर स्थित है।

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