देहरादून-लघु समाचारपत्र एसोसिएशन द्वारा चलाया जा रहा ‘KYB’ (KNOW YOUR BANK) अभियान सूचना अधिकार के माध्यम से द्रुतगति से जारी है। बैंक द्वारा ‘KYC’ के नाम पर बार बार खाताधारकों से वही आधार कार्ड व पैनकार्ड आदि दस्तावेज मा़ग कर खाता संचालन पर रोक की धमकी देकर परेशान किया जा रहा है। परन्तु अब खाताधारक भी अपने अधिकार का प्रयोग करने लगे हैं। आम नागरिकों की ओर से अभी अभियान शुरू ही हुआ है और आईडीबीआई बैंक के रीजनल आफिस के स्टाफ में अभी से बौखलाहट दिखना प्रारंभ हो गई है।
IDBI बैंक से जनहित में आम आदमी को संसद द्वारा प्रदत्त सूचना अधिकार के तहत जानकारियां मांगी जा रही है। जिसमें देहरादून रीजन की शाखाओं में होने वाली ‘कस्टमर मीट’ में होने वाले व्ययों से सम्बन्धित जानकारी मांगी गई है।विश्वस्त सूत्रों का दावा है कि वांछित सूचनाओं से आईडीबीआई बैंक में हो रहे बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हो सकता है। विश्वस्त सूत्रों पर यदि भरोसा किया जाए तो कस्टमर मीट केवल कागजों पर ही दर्शा दी जाती है और सैकड़ों रुपयों का फर्जी खर्च दिखा दिया जाता है।
A- आईडीबीआई बैंक से मांगी गई’कस्टमर मीटों’ के आयोजन से सम्बंधित सूचनाएं :-
लघु समाचारपत्र एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल ने दिनांक 03/11/25 को दिए गए एक आवेदन में आईडीबीआई बैंक की देहरादून रीजन की शाखाओं में एक जनवरी 25 से वर्तमान तक आयोजित ग्राहक/कस्टमर गोष्ठी में हुए व्यय धनराशि की माहवार सूचना मांगी गई है। ज्ञातव्य है कि सभी बैंक शाखाओं में माह की 15 तारीख को कस्टमर मीट आयोजित की जाती है। आवेदन में नेहरू कालोनी स्थित मुख्य शाखा में एक जनवरी 25 से अब तक हुई कस्टमर मीटों के आयोजन की सीसीटीवी फुटेज भी मांगी गई है।
B-नेहरु कालोनी स्थित मुख्य शाखा में कस्टमर मीट का रजिस्टर दिखाने से किया इंकार :-
खाताधारकों से व्यक्तिगत श्रेणी के सभी कागज जबरन ले लेना बैंक जब खुद से कोई जानकारी मांगी जाती है तो बंगले झांकने लगता है। लघु समाचारपत्र एसोसिएशन के अध्यक्ष ने नेहरू कालोनी शाखा में जाकर प्रभारी शाखा प्रबंधक अतुल जी को अपना परिचय देकर अक्टूबर माह में हुई कस्टमर मीट का रजिस्टर दिखाने को कहा। यह सुनते ही उनके चेहरे की हवाइयां उड़ने लगीं और उन्होंने रजिस्टर दिखाने से साफ इंकार कर दिया।
C-बौखलाने लगा है बैंक स्टाफ / बैंक के रीजनल हैड का नाम व मोबाइल नंबर देने से किया इंकार :-
आईडीबीआई बैंक के स्टाफ में अभियान के शुरुआती चरण में ही बौखलाहट दिखने लगी है। आईडीबीआई बैंक कस्टमर का चाहे महिला हो या पुरुष सभी का मोबाइल नंबर ले लेता है लेकिन स्वयं रीजनल हैड का नाम तक बताने को तैयार नहीं है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेन्द्र अग्रवाल ने रीजनल आफिस के कर्मी आनन्द जी से रीजनल हैड का नाम और मोबाइल नंबर मांगा तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया और व्यंग्य किया कि आप आरटीआई में ही लीजिए।
D-आम नागरिकों से अपील है कि बैंकों की अनुचित मांगों पर शांत न रहिए। संविधान प्रदत्त अपने अधिकारों का प्रयोग करें।सूचना अधिकार हमें मात्र दस रुपए की शुल्क अदायगी पर मिला हुआ है। सदैव याद रखियेगा —
*सूचना अधिकार -आम आदमी का अधिकार
*सूचना अधिकार -न्याय पाने का अधिकार
*सूचना अधिकार -अन्याय से मुकाबले हेतु आपका हथियार

