हम भारतीयों मे प्रतिभा की कमी नहीं,सभी को आत्ममंथन करने की है आवश्यकता-मान.अनिल चन्द्र पुनेठा, मुख्य सूचना आयुक्त

National Uttarakhand

देहरादून -यदि भारतीय चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर तिंरगा लहरा सकते है,जहां पर आज तक विश्व का कोई देश नहीं पहुंच सका तो यह स्वत सिद्ध है कि भारतीयों मे प्रतिभा की कमी नहीं है। प्रत्येक भारतवासी को आत्ममंथन करना होगा

उक्त सारगर्भित उदगार उतराखन्ड के मुख्य सूचना आयुक्त एवं आन्ध्र प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव मान.अनिल चन्द्र पुनेठा जी ने सामाजिक संस्था “संगमन” के प्रतिनिधिमंडल से भेंट के दौरान व्यक किए। संगमन के प्रतिनिधिमंडल मे संयोजक सुरेन्द्र अग्रवाल, संस्थापक सदस्य बिजेंद्र यादव, संस्थापक सदस्य रोहित गुप्ता, संस्थापक सदस्य स्वप्निल सिन्हा मे शामिल रहे। श्री पुनेठा का गृह जनपद कुमायुं मन्डल चम्पावत है। उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के संदर्भ मे “टीम संगमन” को बहुमूल्य व व्यवहारिक सुझाव दिए।

A-उत्तराखन्ड के दूरस्थ क्षेत्रों की प्राथमिक जरूरत क्या है इस पर मंथन करना आवश्यक है :-

श्री पुनेठा का मानना है कि उत्तराखंड के दूरस्थ,दुर्गम क्षेत्रों की प्राथमिक जरूरत क्या है। सरकारी योजनाएं उसी अनुसार बनाई जाएं तो उपयोगी व सार्थक साबित होंगी।

B-सोसायटी मे बदलाव के लिए शिक्षा व स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी होगी :-

पूर्व मुख्य सचिव श्री पुनेठा का मानना है कि उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए सोसायटी मे बदलाव जरूरी है। इसके लिए शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना आवश्यक है।

C- गांव के बच्चो को अच्छी शिक्षा मिलेगी तो बनेंगे अच्छे नागरिक:-

मुख्य सूचना आयुक्त महोदय ने कहा कि गांव गांव के बच्चो को यदि प्राइमरी स्तर से ही अच्छी शिक्षा व्यवस्था देंगे तो यही बच्चे भविष्य मे अच्छे नागरिक बनेंगे। यदि हर क्षेत्र मे एक अच्छा सरकारी विद्यालय बना दें तो ऐसा किया जाना संभव होगा।

D–पयर्टक जाम में न फंसे/ पयर्टकों के आवागमन से स्थानीय निवासियों को कठिनाई न हो,इस हेतु आउटर रिंग रोड बेहद आवश्यक:-

श्री पुनेठा ने उत्तराखंड मे आने वाले पयर्टक, तीर्थयात्री जाम मे न फंसे,इस हेतु ठोस कदम उठाने होंगे। पयर्टको व तीर्थयात्रियों के जाम में फंस जाने से न केवल उनकी आगे की यात्रा प्रभावित होती है वरन उतराखन्ड की छवि को भी आघात लगता है।

इसी प्रकार वीकेंड पर या सीजन मे भारी संख्या मे टूरिस्टों के आवागमन से स्थानीय निवासियों को भी भारी असुविधांए होती है।

इसका निदान कहीं पर आउटर रिंग रोड या तो कहीं पर वन वे व्यवस्था लागू करने से हो सकता है।

E-एयरपोर्ट के पास नया शहर बनाने की है समय की आवश्यकता:

श्री पुनेठा ने दूरगामी दृष्टिकोण से बेहद उपयोगी सुझाव दिया। उनका मानना है कि दिनों-दिन हवाई यात्रा की पृवत्ति बढ रही है, अतः एयरपोर्ट के समीप नया शहर बनाने की ओर भी सोचना समय की आवश्यकता है।

*(टीम संगमन की ओर से मान. अनिल चन्द्र पुनेठा जी को संगमन का प्रतीक चिन्ह भेंट किया। जिसे माननीय ने ससम्मान स्वीकार किया)

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