“डा धन कुमार जैन” ने मरणोपरांत अपने पार्थिव शरीर व नेत्रों का दान किया /सुपुत्र डा संदीप जैन ने “दधीचि देहदान समिति” के माध्यम से पूरा किया पिता का संकल्प

National Uttarakhand

देहरादून -डॉ धन कुमार जैन मरणोपरांत भी अपनी आंखों से संसार को देखेंगे। डा जैन का 84वर्ष की उम्र में का सुबह बीमारी से देहांत हो जाने पर उनके पुत्र डा संजीव जैन ने उनके नेत्रों का दान किया। जबकि उनके पार्थिव शरीर को दून मेडिकल कॉलेज को दान किया गया।

डा धन कुमार जैन ने अपने जीवनकाल में नेत्रदान का संकल्प लिया था। आज सुबह उनके निधन पर उनके सुपुत्र डॉ संजीव जैन ने तभी दधीचि देहदान समिति के अध्यक्ष डॉ मुकेश गोयल को फोन पर अपने पिता जी के निधन की जानकारी दी।

 डा धन सिंह जैन के संकल्प के अनुसार डॉ जैन के दोनों कॉर्निया  महंत इंद्रेश हॉस्पिटल के नेत्र विभाग की टीम द्वारा उनके घर जाकर प्राप्त किए। उनकी  पुण्य देह को दून मेडिकल कॉलेज को दान किया गया। दधीचि देहदान समिति द्वारा अब तक 16 देहदान हो गए हैं व 26 नेत्रदान हो गए है।

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