देहरादून -ट्रैफिक की दृष्टि से बेहद अनुशासित शहर देहरादून में इन दिनों ट्रैफिक पुलिस की मनमानी व स्वेच्छाचारिता चरम पर है। ताज़ा प्रकरण में 26 अगस्त को दोपहर में एक बजे ईसी रोड पर सड़क के किनारे बनी सफेद लाइन से दो फुट से अधिक भीतर खड़ी कार को टोचिंग कर बलपूर्वक उठा लिया गया। ट्रैफिक पुलिस की इस मनमानी पर सूचना अधिकार के तहत नियमों की जानकारी व एक समान व्यवहार न कर भेदभाव बरतने के सम्बन्ध में सूचना मांगी गई है।
अन्य महानगरों की तुलना में देहरादून को ट्रैफिक के मामले में तुलनात्मक दृष्टि से व्यवस्थित शहर माना जाता है। लेकिन इन दिनों कई प्रकरणों में देहरादून की ट्रैफिक पुलिस की मनमानी व स्वेच्छाचारिता दिखाई दी है।कभी स्कूटी जैसे छोटे वाहन पर रेडलाइट जम्प के नाम पर पूरे एक हजार का आनलाइन जुर्माना थोप दिया जाता है, तो कभी पीछे वाली सवारी द्वारा हैल्मेट न पहने जाने के नाम पर जुर्माना ठोक दिया जाता है।
ताज़ा प्रकरण दिनांक 26 अगस्त को दोपहर एक बजे ईसी रोड का है। ईसी रोड पर पुलिस द्वारा सड़क के दोनों किनारों पर बनाई गई सफेद पट्टी के भीतर दर्जनों वाहन प्रतिदिन की भांति खड़े थे। तभी वाहन संख्या UK 07 CD /4535 सफेद पट्टी के दो फुट से अधिक भीतर खड़ी एक कार को टोइंग करता दिखाई दिया।
जब इस संवाददाता द्वारा पूछा गया कि सफेद लाइन के भीतर खड़ी गाड़ियों को तो छूट रहती है, जब उससे सवाल किया गया कि ई सी रोड पर तो दर्जनों गाडियां खड़ी है, फिर सभी को ले जाओ। केवल एक को टोइंग कर उठाना तो भेदभाव है। यदि कार्यवाही विधिसम्मत है तो सभी पर करो। तो वह कोई जवाब दिए बगैर कार टोइंग कर चला गया।
देहरादून में हर सड़क पर दोनों ओर सफेद लाईनें बनाई गई है, इन लाइनों के बाहर खड़े वाहनों पर ट्रैफिक पुलिस चालान या टोइंग करने की कार्यवाही करती है लेकिन अब तो स्वेच्छाचारिता चरम पर दिखाई दे रही है। सफेद लाइन के बहुत भीतर खड़ी कार को भी टोइंग कर उठाया जा रहा है।
यदि ट्रैफिक पुलिस की यही मनमानी और स्वेच्छाचारिता जारी रही तो पूरे महानगर में कोई नागरिक अपना चारपहिया या दुपहिया वाहन खड़ा नहीं कर सकेगा।