भागवताचार्य रामशरण तिवारी की वाणी से राजा परीक्षित के संगीतमय प्रसंग से श्रोतागण हुए भाव विभोर

National Uttar Pradesh

*भागवताचार्य रामशरण तिवारी ने मकुन्दपुरी आश्रम पर राजा परीक्षित के प्रसंग मे स्रोताओ को किया मन्त्रमुग्ध

उरई -जालौन – जिले की कोंच तहसील के ग्राम खकसीस की प्रसिद्ध सिद्ध पीठ मकुन्दपुरी आश्रम पर हो रही साप्ताहिक भागवत कथा के चौथे दिन रोचक राजा परीक्षित के संगीतमय प्रसंग मे स्रोताओ को एकाग्रता की मुद्रा मे रामशरण दास जी ने न केवल भावविभोर किया बरन उनको झूमने पर मजबूर कर दिया
विदित हो कि धार्मिक रूचि रखने ग्राम खकसीस के भक्तजनो ने एकाएक मकुन्दपुरी आश्रम पर भागवत पाठ का प्लान बनाया जिसमे कानपुर नगर के फेमस सत्रह बर्ष की उम्र से भागवत कथा पढ़ने वाले पंडित श्री रामशरण दास तिवारी को चुना गया उनकी जीवनी पर नजर डाली जाय तो वह एक हजार भागवतों का विभिन्य जनपदों मे पाठ कर चुके हैं उनकी संगीत मय कथा सुनने से ऐसा प्रतीत होता हैं कि उनके कंठ मे देवी सरस्वती विराजमान हो उन्होंने अपनी रस मय बाणी से उक्त आश्रम मे चौथे दिवस की भगवत कथा मे राजा परीक्षित के जन्म से श्रँगी ऋषि के श्राप से लेकर परीक्षित के पुत्र जन्मेजय के राज्याभिषेक एवं कलयुग का निवास पांडवो के जाने के बाद तक की मार्मिक प्रसंग को रसमयी बाणी से श्रोताओं को बारीकी से समझाया जबकि कथा के प्रथम दिन बरसात हो रही थी दूसरे दिन से सिद्ध पीठ हनुमानजी की कृपा एवं महाराजजी की साधने के कारण कथा समय दिन के दो बजे से शाम छै बजे तक खुले मौसम मे रहस्यमयी कथा चरितार्थ देखी गयी मकुन्दपुरी आश्रम के लगनशील निष्ठांवन महंत जी उक्त आश्रम की धार्मिक कमेटी के पदाधिकारियों, सदस्यों गोविन्द पारासर,उमाशंकर दुवे, रमाकांत दुवे,राजू पाठक, रामकेश पाठक,हारमोनियम पेटी बाधक हरिबाबू दुवे,सुश्रोतागणों मे प्रदीप नागायच, वीरेंद्र पारासर भगवती दुवे, गणेश तिवारी,अबधकिशोर पाठक, ठाकुरदयाल अवश्थी,वद्रीविशाल अवस्थी, श्यामबाबू विश्वकर्मा आदि सैकड़ो की जनसंख्या मे महिला पुरुष जन आस्थावान भक्तगण भागवत पांडाल मे शोभायमान थे,

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