बद्री केदार की यह देवभूमि स्वत: ही श्रेष्ठ है, जवाबदेह प्रशासनिक व्यवस्था से बनाया जा सकता है सर्वश्रेष्ठ -आर एस राघव, वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता/वरिष्ठ भाजपा नेता/पूर्व सदस्य राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण

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देहरादून – ऋषियों, मुनियों की तपोभूमि, बद्री-केदार की यह देवभूमि स्वत: ही श्रेष्ठ है, लेकिन जवाबदेह प्रशासनिक व्यवस्था व अन्य व्यवहारिक कार्य कर निस्संदेह उतराखन्ड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाया जा सकता है,यह मानना है कि उतराखन्ड के जाने-माने फौजदारी अधिवक्ता , वरिष्ठ भाजपा नेता एवं राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण के पूर्व सदस्य आर एस राघव का।

“संगमन” सामाजिक संस्था के प्रतिनिधिमंडल (संयोजक सुरेन्द्र अग्रवाल, बिजेंद्र यादव, रोहित गुप्ता, स्वप्निल सिन्हा) ने आज श्री राघव से उनके कार्यालय मे मुलाकात कर “संगमन” का प्रतीक चिन्ह भेंट किया। श्री राघव ने “संगमन” की पहल का स्वागत करते हुए उतराखन्ड को देश को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए बेहद उपयोगी सुझाव दिए।
A-सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए नागरिकों को जवाबदेह प्रशासनिक व्यवस्था देना जरूरी :-

श्री राघव का मानना है कि उत्तराखंड देवभूमि है, उतराखन्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ बनाया जाने के लिए नागरिकों को प्रशासनिक व्यवस्था देना होगा‌। श्री राघव ने अपने व्यवहारिक अनुभध के आधार पर कहा कि आमजन से जुडे नब्बे फीसदी से मामले थाना से लेकर पुलिस कप्तान तक एवं तहसीलदार से लेकर जिलाधिकारी तक के स्तर पर सुलझाए जा सकते हैं।
यदि सत्तारूढ़ दल प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से आमजन के प्रति जवाबदेह प्रशासनिक व्यवस्था उपलब्ध कराना सुनिश्चित कर दे तो न केवल उतराखन्ड अग्रणी राज्य बनने की दिशा में अग्रसर होगा वरन चुनाव दर चुनाव वह पार्टी अजेय रहेगी‌।
B-सेल डीड के साथ प्रोवीजनल दाखिल खारिज होने से रुकेंगे भूमि विवाद ‘-

श्री राघव का मानना है कि आपराधिक घटनाओं से लेकर सिविल मामलों की वजह भूमि विवाद होती है। यदि सेल डीड के साथ स्वत 30 दिन का प्रोवीजनल दाखिल खारिज का प्रावधान लागू कर दिया जाए तो सरकार को रेवेन्यू भी मिल सकता है और विवाद भी रुकेगे। जिन मामलों मे आपत्ति प्राप्त हो उन्हें छोड़कर शेष मामलो का फाइनल दाखिल खारिज कर दिया जाए।
C-चारधाम यात्रा के यात्री निभाते हैं ब्रांड अम्बेसडर की भूमिका, अतः उपलब्ध जनसुविधाओं के अनुसार तीर्थयात्रियों की संख्या हो निर्धारित:-

श्री राघव ने चारधाम यात्रा विशेषकर केदारनाथ धाम की यात्रा करके वापस लौटने वाले अनेक यात्रियों के अनुभव के आधार पर सुझाव दिया कि चारधाम यात्रा मे जितने संसाधन, जितनी जनसुविधाएं उपलब्ध हों,उसी के अनुसार यात्रियों की संख्या निर्धारित की जानी चाहिए क्योंकि यात्रा से वापस लौटकर अपने गृहक्षेत्र मे लौटने वाले यात्री उतराखन्ड के ब्रांड एंबेसडर की भूमिका निभाते हैं, अतः उनकी यात्रा सुविधाजनक रहे, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
D-सभी विभागों, निगमों, प्राधिकरणों की नियमावली बनाया जाना बेहद आवश्यक:-

राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण के पूर्व सदस्य आर एस राघव ने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि सदस्य के तौर पर पदभार ग्रहण करने के उपरांत जब उन्होंने प्राधिकरण की नियमावली मांगी‌। तो ज्ञात हुआ कि प्राधिकरण बगैर किसी नियमावली के संचालित हो रहा है। उन्होंने बताया कि विशेष प्रयास कर नियमावली तैयार कर शासन को भेजा गया। नियमावली की स्वीकृति के लिए उन्होंने उच्च स्तर पर प्रयास भी किए लेकिन नियमावली को शासन से अप्रूवल नहीं मिल सका।

श्री राघव ने कहा कि राज्य को अस्तित्व मे आए 23 वर्ष हो चुके हैं, अतः उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा मे सबसे पहले सभी सरकारी, अर्धसरकारी महकमो की नियमावलियों को एक अभियान चलाकर तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।

*संस्थापक सदस्य बिजेंद्र यादव के आफिस मे “संगमन” का प्रतीक चिन्ह किया स्थापित :-

“संगमन” की ओर से संस्थापक सदस्य बिजेंद्र यादव के धर्मपुर के माता मंदिर रोड पर स्थित आर के प्रिन्टर्स कार्यालय मे “संगमन” का प्रतीक चिन्ह कार्यालय प्रभारी सचिन यादव को सौप कर स्थापित किया गया।


*संस्थापक सदस्य रोहित गुप्ता के आफिस मे अनुज “आशु” को सौपा गया संगमन का प्रतीक चिन्ह :-

आज “संगमन” ने संस्थापक सदस्य रोहित गुप्ता के त्यागी रोड स्थित सुगंधा जैनरेटर्स/सुगंधा एक्प्रसप्रेस समाचारपत्र के कार्यालय पर प्रतीक चिन्ह उनके अनुज “आशु” को सौपा ।

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