देहरादून -सूचना व लोक सम्पर्क विभाग का गठन ही सरकार और पत्रकारों के मध्य समन्वय स्थापित करने के लिए हुआ है। मान्यता प्राप्त पत्रकारों के तो परिचय पत्र पर ही ‘सूचना व लोक सम्पर्क विभाग’ लिखा रहता है। लेकिन अब तस्वीर बदली हुई दिखती है। हर समय “रुमित गोयल” जैसे एडवरटाइजिंग एजेंसी वाले लोग सूचना विभाग के हर अनुभाग में आधिपत्य जमाए दिखते हैं।

गत दिवस लिखे गए सूर्यजागरण की न्यूज़ पर व्यापक प्रतिक्रिया देखने को मिली है। गत दिवस सूर्यजागरण द्वारा “उत्तराखंड के सूचना विभाग मे ‘रुमित’ की अगुवाई में एडवरटाइजिंग एजेंसियों के एक गुट ने शुरू की गुंडागर्दी पत्रकारों से बदसलूकी की करने लगे जुर्रत” शीर्षक से न्यूज़ प्रकाशित की गई थी।
इस न्यूज़ के प्रकाशन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अनेकों पत्रकारों ने सूर्यजागरण को बताया कि अब हर समय सूचना विभाग में ‘रुमित’जैसे एडवरटाइजिंग एजेंसी वाले लोग जमे रहते हैं। सूचना विभाग में आम पत्रकार तो गुहार की मुद्रा में दिखाई देता है।
कुछ वरिष्ठ पत्रकारों का कथन है कि सूचना विभाग में कोई कम्प्यूटर के आईटम कार्टेज आदि ,स्टेशनरी आईटम तो कोई कैटरिंग आदि का कार्य करता है लेकिन वह ‘रुमित गोयल’ की तरह दिन भर सूचना विभाग में मंडराता तो नहीं है।
एडवरटाइजिंग के माध्यम से यदि कोई विज्ञापन जारी किया गया है तो एजेंसी संचालक अपना बिल जमा कर अपने आफिस में जाकर बैठे। दिन भर सूचना विभाग में किस इरादे से मंडराता रहता है। ‘रुमित गोयल’ जैसे एडवरटाइजिंग एजेंसी के ऐसे संचालकों के इस रवैए पर वरिष्ठ पत्रकारों ने कई सवाल खड़े किए हैं।
*’रुमित’ तो बहुत सज्जन है,वह किसी पत्रकार से बदसलूकी नहीं कर सकता है :-
सूचना विभाग के कार्यालय में भी सूर्यजागरण की न्यूज़ पर व्यापक चर्चा में रही। कई महानुभावों का कहना है कि ‘रुमित गोयल’ तो बहुत सीधा और विनम्र है। लेकिन ऐसे साथियों से सूर्यजागरण का अनुरोध है कि क्या देखने में सीधा दिखने वाला व्यक्ति की गुंडागर्दी व बदसलूकी नहीं कर सकता है।
यदि किसी को सूर्यजागरण की न्यूज़ की सत्यता पर संदेह है तो सूचना विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी जी यह वादा करें कि यदि पत्रकारों से बदसलूकी व गुंडागर्दी की बात प्रमाणित हो जाती है। तो ‘रुमित गोयल’ वाली एडवरटाइजिंग एजेंसी को सूचना विभाग से आजीवन ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। महानिदेशक महोदय सार्वजनिक रूप से यह वादा करें तो ‘रुमित गोयल’ की पत्रकारों से गुंडागर्दी व बदसलूकी के प्रमाण भी दिया जाएगा। और जिस पत्रकार से बदसलूकी हुई है,वह भी सभी के सामने आएगा।
*सूचना विभाग के आला अधिकारियों से इस मैटर में किसी प्रकार हम हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं। हम पत्रकारगण अपने मान सम्मान की रक्षा करना जानते हैं।न्यूज़ प्रकाशन के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर ‘रुमित गोयल’ जैसे एडवरटाइजिंग एजेंसी संचालकों द्वारा जो जो धांधली की जा रही,उसको भी बेनकाब किया जाएगा। सूचना विभाग केवल और केवल हम पत्रकारों के हितार्थ गठित है। सूर्यजागरण सदैव पत्रकारों के मान सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है।

