*डॉ. हरीमोहन पुरवार : मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जीवन देता है नारी सम्मान का संदेश
उरई (जालौन)-दीपावली के महा महोत्सव के उपलक्ष में इन्टैक उरई अध्याय, संस्कार भारती जालौन और भारत विकास परिषद स्वामी विवेकानंद शाखा उरई के संयुक्त तत्वावधान में चूड़ी वाली गली स्थित श्रीमती संध्या पुरवार के निज निवास पर शंख ध्वनि के मध्य जनप्रिय जिला पंचायत राज अधिकारी राम अयोध्या प्रसाद गुप्त ने प्रथम पूज्य श्री गणेश जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर के प्रदर्शनी का उद्घाटन किया ।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री राम अयोथ्या प्रसाद जी ने कहा की मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के 14 वर्षीय वनवास के पश्चात वापस अयोध्या लौटने की खुशी में इस दीपोत्सव को मनाया जाता है । मैं इस दीप प्रदर्शनी को देखकर अत्यंत प्रभावित हुआ हूं और मुझे इस प्रकार के दीपों का संकलन एक साथ देखने का सुअवसर प्रथम बार प्राप्त हुआ है।

इस प्रदर्शनी में अध्यात्म के प्रतीक राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित विभिन्न आकार प्रकार की पीतल के मनभावन दीप प्रदर्शित किए गए हैं । प्रदर्शनी में श्री गणेश जी के चित्रों से युक्त तमाम दीप भी प्रस्तुत किए गए हैं। प्रदर्शनी में संगमरमर, पोर्सलिन, टेराकोटा, ग्रेनाइट पत्थर आदि के विभिन्न आकार प्रकार के दिए प्रदर्शित किए गए हैं।

इस अवसर पर डा हरीमोहन पुरवार ने बताया कि अयोध्या के ज्येष्ठ राजकुमार श्री राम जब 14 वर्षों के लिए वनवास गए तो वह राजकुमार थे और जब लौटकर आए तो वह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम बन गए। इन 14 वर्षों में उन्होंने अपने राजकुमार होने का कहीं पर भी उपयोग नहीं किया और जंगली लोगों से संपर्क करके , उनको इकत्रित करके उनकी एक सेना तैयार करके , अत्याचारी रावण पर विजय प्राप्त की। यह हम सभी को संदेश देता है कि हमें नारी शक्ति के विरुद्ध जो भी अत्याचारी खड़ा हो उसके दामन का संकल्प लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
इस प्रदर्शनी में समस्त दीपक श्रीमती संध्या पुरवार व डा हरीमोहन पुरवार के निजी संग्रह से प्रस्तुत किए गए।प्रदर्शनी उद्घाटन के समय डॉक्टर हरीमोहन पुरवार व संस्कार भारती के अध्यक्ष कीर्ति कुमार दीक्षित ने मुख्य अतिथि को अंग वस्त्र उढाकर उनका स्वागत किया ।
उद्घाटन कार्यक्रम के पश्चात श्रीमती संध्या पुरवार श्रीमती उषा सिंह निरंजन आदि ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया तथा भारत विकास परिषद स्वामी विवेकानंद शाखा उरई के अध्यक्ष डा उमाकांत गुप्ता हैं ने सभी पधारे हुये आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। प्रदर्शनी में प्रदर्शन के अवसर पर श्रीमती संध्या पुरवार ने कहा कि दीपावली का महा महोत्सव हम सभी को यह प्रेरणा देता है कि भारत में नारी सम्मान सर्वोपरि है। नारी सम्मान की रक्षा हेतु हम सभी को सदैव सचिव रहते हुए अग्रसारित होना चाहिए।
इस प्रदर्शनी में अंधेरे को दूर करने के लिये मिट्टी के तेल से जलने वाली ऑस्ट्रेलिया, रोम ,पेरिस,ऑस्ट्रिया आदि देशों के सुंदर-सुंदर लैम्पों को भी प्रदर्शित किया गया। अब ये सभी लैम्प हमारी दैनिक दिनचर्या से लुप्त हो गये हैं।इस प्रदर्शनी में श्रीमती राखी शुक्ला, श्रीमती संगीता पाठक, डा रचना रमणीक श्रीवास्तव, श्रीमती कल्पना कनकने,श्रीमती प्रियन्का अग्रवाल, हरी बाबू शुक्ला, दर्श अग्रवाल, काजल राजपूत, प्रदीप पाटकर, आदि की विशेष उपस्थिति रही।

