श्रीमती संध्या पुरवार की अभिनन्दनीय पहल : भीषण गर्मी से राहत पाने का एकमात्र विकल्प “हाथ पंखा” की दीर्घा का किया आयोजन

National Uttar Pradesh Uttarakhand

*मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास ने दीप प्रज्वलित कर किया शुभारंभ

*बुन्देलखण्ड के जननेता सुरेश निरंजन भैयाजी का अंगवस्त्र ओढ़ाकर किया गया सम्मान

उरई। बुन्देलखण्ड में मई जून की प्रचण्ड गर्मी , उस पर आग उगलता नौ तपा का रौद्र रुप, और बिजली की आंख मिचौली के बीच सूखा भुंजता यहां के जन मानस के पास गर्मी से राहत पाने के लिये , हाथ से डोलता पंखा ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। इन्ही हाथ पंखों की एक दीर्घा चूडी वाली गली स्थित श्री मती सन्ध्या पुरवार के निज निवास पर इन्टैक उरई अध्याय, भारत विकास परिषद स्वामी विवेकानंद शाखा, तथा प्रान्तीय धरोहर समिति संस्कार भारती के संयुक्त तत्वावधान में लगाई गई।

इस हाथ पंखा दीर्घा का उद्घाटन शंखध्वनि के मध्य अपने जनपद के मृदुभाषी,एवं सहज व्यक्तित्व के धनी जनपद के मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास ने प्रथम पूज्य श्रीगणेश जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। दीर्घा अवलोकन के समय मुख्य अतिथि राजेन्द्र जी ने कहा कि हाथ पंखों का अद्भुत संग्रह यहां पर देखने को मिला। भिन्न भिन्न आकार प्रकार के पंखे देखकर मन मुदित हो गया। डा. पुरवार जी के संग्रह के विषय में सुना तो बहुत था, आज उसकी झलक देखने को भी मिल गई।

इस अवसर पर अपने बडे सुरेश निरंजन भैय्याजी भी पधारे थे। उन्होंने भी कहा कि डा पुरवार जी का यह उनका जुनून है। उनके इस जुनून के सहारे यह समाज अपनी प्राचीन विरासत/ धरोहर को देख समझ पा रहा है । समाज के लिए पुरवार दम्पत्ति का यह योगदान अतुलनीय है।

इस हाथ पंखा दीर्घा में केरल, तमिलनाडू , गंगासागर, आसाम, मथुरा, नागालैण्ड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश , गोवा, आन्ध्र प्रदेश, बुन्देलखण्ड, दिल्ली, बंगाल, पंजाब आदि प्रान्तों के साथ साथ चीन , जापान, कम्बोडिया, थाईलैंड, आदि देशों के हाथ पंखों को प्रदर्शित किया गया है।

इस दीर्घा में हथियार पंखे आकार की पूर्ण रजतीय अपरिचालित दो मुद्रायें भी प्रदर्शित की गई हैं। इनमें से एक मुद्रा चीनी पंखे के आकार की विलक्षण 1000 शिलिंग मूल्य की तंजानिया देश द्वारा वर्ष 2015 की मुद्रा प्रस्तुत की गई है।तथा दूसरी मुद्रा कुक आईलैण्ड द्वारा जापानी हाथ पंखे के आकार की पूर्ण रजतीय अपरिचालित मुद्रा भी प्रस्तुत की गई है।इन मुद्राओं के साथ साथ अपने भारत सरकार के वर्ष 2017 में डाक विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के पंखों के चित्रों से युक्त 16 डाक टिकटों की प्रस्तुति मन मोहक है। पंखे युक्त दो लघु डाक टिकट पत्रक भी प्रदर्शित किये गये हैं।

निर्जला एकादशी को पंखा और सुराही/मटका दान का पूर्व प्रबंध भारतीय संस्कृति में -डा के एन सिंह

डा के एन सिंह ने बतलाया कि इस भीषण गर्मी से आम जन छुटकारा पाये इसके लिये निर्जला एकादशी को पंखा और सुराही / मटका दान करने का पूर्व प्रबन्ध अपनी सनातन संस्कृति में किया गया है। सर्वे भवन्तु सुखिनः वाली हमारी संस्कृति पर हमें गर्व है। इस दीर्घा में प्रदर्शित समस्त सामग्री श्रीमती सन्ध्या पुरवार व डा हरी मोहन पुरवार के निजी संग्रह से है। अन्त में डा हरी मोहन पुरवार ने मुख्य अतिथि राजेन्द्र श्रीवास जी तथा विशिष्ट अतिथि सुरेश निरंजन भैय्याजी को अंग वस्त्र उढाकर सम्मानित किया एवं श्री मती सन्ध्या पुरवार तथा श्रीमती ऊषा सिंह निरंजन, श्रीमती प्रिया गुप्ता ने स्मृति चिन्ह भेंट किये।

कार्यक्रम में संस्कार भारती जालौन के कार्यकारी अध्यक्ष डा एस पी बुधौलिया, मुकेश सक्सेना, डी ए वी इन्टर कालेज, उरई के प्रधानाचार्य डा प्रवीण कुमार पाण्डेय, भारत विकास परिषद स्वामी विवेकानंद शाखा के अध्यक्ष डा उमाकांत गुप्ता, श्रीमती मन्जू विजय रावत, श्री मती प्रियन्का अग्रवाल,जालौन से आयी श्रीमती रश्मि पाटकर, राहुल पाटकर, आदि की विशेष उपस्थिति रही।

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