*पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ,जो समाज को करता है जागरूक
उरई (जालौन)हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर जिला पंचायत सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम अनुरागी और पूर्व महानिदेशक होमगार्ड सूर्य कुमार शुक्ला मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता के.पी. सिंह ने की।
गोष्ठी में वक्ताओं ने हिंदी पत्रकारिता के महत्व और इसके ऐतिहासिक योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 30 मई 1826 को पंडित जुगल किशोर शुक्ल द्वारा कलकत्ता से प्रकाशित ‘उदन्त मार्तण्ड’ ने हिंदी पत्रकारिता की नींव रखी थी। वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, जो समाज को जागरूक करने और सत्य को सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम अनुरागी ने अपने संबोधन में कहा, “हिंदी पत्रकारिता ने न केवल स्वतंत्रता संग्राम में अपनी आवाज बुलंद की, बल्कि आज भी यह समाज के दबे-कुचले वर्गों की आवाज को शासन तक पहुंचाने का कार्य कर रही है।” वहीं, सूर्य कुमार शुक्ला ने पत्रकारों से निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि पत्रकार समाज का दर्पण होता है।
के.पी. सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में पत्रकारिता के बदलते स्वरूप और डिजिटल युग में इसकी चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने पत्रकारों से आग्रह किया कि वे सत्य और नैतिकता को सर्वोपरि रखें। गोष्ठी में उपस्थित पत्रकारों और गणमान्य व्यक्तियों ने हिंदी पत्रकारिता के गौरवशाली इतिहास और भविष्य की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।
वक्ताओं में वरिष्ठ पत्रकार अनिल शर्मा, सेवा निवृत्त आई आर एस शम्भू दयाल, सुरेश निरंजन भैया जी, राजवीर सिंह जादौन, डी वी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ आदित्य कुमार, प्रोफेसर डॉ राम प्रताप, यज्ञदत्त त्रिपाठी प्रमुख रुप से शामिल रहे. संचालन ओ पी उदैनिया और संजय सिंघाल ने संयुक्त रुप से किया।कार्यक्रम संयोजक श्रीकांत शर्मा ने आभार जताया. सुनील शर्मा, देवेंद्र त्रिपाठी, संजय दुबे, सुधीर त्रिपाठी, सुरेश खरकया, राजेश द्विवेदी, वरुण द्विवेदी, शत्रुघ्न सिंह यादव आदि पत्रकार उपस्थित रहे।