प्रत्येक जरुरतमंद को “लाईफ सेवर ब्लड” उपलब्ध कराने की ठोस नीति बनाकर हमारा उतराखन्ड बनेगा सर्वश्रेष्ठ -योगेश अग्रवाल (सुप्रसिद्ध समाजसेवी)

National Uttar Pradesh Uttarakhand

देहरादून – सामाजिक संस्था द्वारा “संगमन” द्वारा अपने राज्य उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की मुहिम को समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्ध वर्ग के अनुभवी महानुभावों के निरन्तर अनुभवी सुझाव प्राप्त हो रहे है। इसी श्रृंखला में “संगमन” को देश के सुविख्यात समाजसेवी व महान रक्तदान-दाता योगेश अग्रवाल जी ने अत्यंत उपयोगी सुझाव दिए हैं। ज्ञातव्य है कि मा.योगेश अग्रवाल जी 129 बार रक्तदान कर चुके हैं।

A-हर जरूरतमंद को “लाईफ सेविंग ब्लड” उपलब्ध कराने की ठोस नीति है आवश्यक –

श्री अग्रवाल ने “संगमन” से चर्चा करते हुए बताया कि नागरिकों को अनेक अवसरों पर ब्लड की आवश्यकता पड जाती है। आकस्मिक दुर्घटना हो, कोई आप्रेशन हो या अनेक घातक बीमारियों मे भी ब्लड “लाईफ सेवर” की भूमिका निभाता है।ब्लड के चारों प्रमुख कम्पोनेन्ट समय समय पर जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक हो जाता है। अतः जरुरतमंद को ब्लड उपलब्ध हो सके,उस हेतु एक ठोस नीति बनाया जाना आवश्यक है।

B-ब्लड बैंक का ब्लड भी केवल 30-35 दिन तक हो सकता है प्रयुक्त –

श्री अग्रवाल ने बताया कि ब्लड को ब्लड बैंकों का बेहद कड़े मानकों पर संगृहीत किया जाता है। लेकिन ब्लड के चारों कम्पोनेन्ट को केवल 30 से 35 दिन ही प्रयुक्त किया जा सकता है।

C-देहरादून की सभी ब्लड बैंकों मे किया जा सकता है अधिकतम पांच हजार यूनिट ब्लड का संगृहण

राज्य के दूरस्थ व पर्वतीय क्षेत्रों की कौन कहे
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून तक में सभी ग्रुपो का अधिकतम पांच हजार यूनिट ब्लड का ही संगृहण किया जा सकता है। वर्तमान मे देहरादून मे कुल चार ब्लड बैंक है। आईएमए,महन्त इन्द्रेश अस्पताल,दून अस्पताल व सिटी ब्लड बैंक नामक चार ब्लड बैंक है।

D-समयावधि मे उपयोग न होने वाले ब्लड को करना पडता है नष्ट –

लाईफ सेवर माने जाते वाले ब्लड के प्रयोग की अवधि बेहद कम होती है। उच्च मानको पर संरक्षित कर ब्लड बैंकों मे रखे गए ब्लड को समयावधि मे प्रयुक्त न होने पर ब्लड को नष्ट करना पडता है।

E-सम्बंधित ग्रुप का ब्लड डोनर जरुरतमंद के लिए उपलब्ध हो सके,इसकी ठोस नीति बनाया जाना जरूरी –

श्री अग्रवाल ने बताया कि आदर्श व सर्वश्रेष्ठ राज्य के लिए आवश्यक है कि जरूरत पड़ने पर “लाईफ सेविंग ब्लड” उपलब्ध हो।
चूंकि ब्लड की संगृहण क्षमता सीमित है, ब्लड के प्रयुक्त होने की अवधि भी बहुत सीमित है, अतः कैम्प लगाकर अधिकाधिक यूनिट ब्लड एकत्रित करने से अधिक कारगर यह है कि ब्लड ग्रुप की सूचना के साथ ब्लड डोनर की लिस्ट कई स्तर पर उपलब्ध हो सके, इसके लिए एक ठोस नीति बनाना बहुत जरूरी है।

F-जरूरत पड़ने पर ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ब्लड डोनर के सम्बन्ध मे ठोस नीति बनाने मे योगदान देने को है प्रस्तुत –

श्री अग्रवाल ने बताया कि जरूरत के वक्त ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ठोस नीति बनाए जाने के लिए वह सरकार के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग को योगदान हेतु सदैव प्रस्तुत है।

(दर्जनों समाजसेवी संस्थाओं मे विभिन्न पदों का सफलतापूर्वक दायित्व निर्वहन करने वाले सुविख्यात समाजसेवी मा योगेश अग्रवाल ने उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने हेतु कई उपयोगी सुझाव दिए हैं। जिनके सम्बन्ध मे न्यूज़ आलेख की अगली कडी में उत्तराखन्डवासियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा)

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