देहरादून – आरएनआई द्वारा समाचारपत्रों के नियमित प्रकाशन की स्थिति की जानकारी लेने के लिए प्रकाशको के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें प्रकाशकों को निकटस्थ पीआईबी आफिस मे 48 घन्टे मे समाचारपत्र की प्रति देने को कहा गया है।
सही कार्य करने वाले प्रकाशकों को इस एडवाइजरी का पालन करने में कोई आपत्ति नहीं है,लेकिन आरएनआई की एडवाइजरी की आड मे देहरादून के पीआईबी कार्यालय ने तो प्रकाशकों से बदसलूकी करना शुरू कर दिया है। जिसका पुरजोर विरोध होना लाजिमी है।
A- देहरादून का पीआईबी कार्यालय प्रकाशकों को धूप में घन्टो लाइन में लगवाकर कर रहा अपमानित:-
एडवाइजरी मे स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि 48 घन्टे मे समाचारपत्र की प्रति संदेशवाहक के माध्यम से भेजने को कहा गया है।एडवाइजरी मे कहीं पर भी यह नहीं कहा गया है कि समाचारपत्र की प्रति पीआईबी दिए जाने का प्रमाण सम्बंधित प्रकाशक को रखना अनिवार्य होगा।
लेकिन पीआईबी के देहरादून कार्यालय ने एडवाइजरी की आड मे समाचारपत्र प्रकाशकों को अपमानित करना शुरू कर दिया।सोमवार को सप्ताह का पहला दिन होने के कारण पीआईबी कार्यालय ने प्रकाशकों से दो प्रति सामान्य तौर पर लेने के बजाय कक्ष का गेट अन्दर से बन्द कर लिया और सभी प्रकाशको को कडी धूप में एक लाइन मे खडा कर दिया।
B-लघु समाचारपत्रों के प्रकाशको के पास सीमित संसाधन होने का अनुचित फायदा उठा रहा है देहरादून का पीआईबी कार्यालय :-
बड़े और मध्यम श्रेणी के समाचारपत्रों के पास इतने संसाधन होते हैं कि किसी संदेशवाहक के माध्यम से समाचारपत्र को जमा करवा दें।
परन्तु लघु श्रेणी के समाचारपत्रों के पास बेहद कम संसाधन होते हैं। लघु समाचारपत्र के संचालक को अपने समाचारपत्र का स्वामी, सम्पादक व प्रकाशक स्वयं करना पड़ता है,उसे पीआईबी के देहरादून कार्यालय मे यूं अपमानित किया जा रहा है। जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा।

