देहरादून-हर साल की तरह इस 31जुलाई 2022 को भी टिहरी शहर के डूबने की याद को फिर से टिहरी वासियों ने अपनी यादों में जीवंत किया।
उक्त जानकारी देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेत्री श्रीमती विनोद उनियाल ने बताया कि टिहरी शहर देश हित में अपने कई गांव के साथ आज ही के दिन डूब जरूर गया परन्तु टिहरी के लोगों के दिल में टिहरी आज भी उसी तरह से जिंदा है।
उन्होंने बताया कि टेहरी की याद को जिंदा रखा है टिहरी निवासी सुबोध बहुगुणा ने। सुबोध ने अपने शिक्षाविद पिता गोपाल राम बहुगुणा जी के कहे अनुसार टिहरी का हुबहू रेप्लिका कई सालों में तैयार किया। यह इतना जीवंत है कि इसको देखकर हर कोई भावुक होकर अपना अपना घर खोजने लगता है। इसे देखने वाला हर बन्दा टिहरी से जुड़ी अपनी हर स्मृति को यादकर मायूस हो उठता है। एक जीते जागते शहर की हर गली नुक्क्ड़, हर चौबारे, पुल, पत्थर , इमारत को इस रेप्लिका में देखना बहुत गर्व का अहसास भी कराता है कि देश के हित के लिए हमने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। हमारे खेत खलियान सब बांध के लिए डूबे। हमारी संस्कृति डूबी हमारी विरासत डूबी । हमारी तो पहचान ही डूब गई। ऐसा वहाँ आये हर व्यक्ति का कहना था।
आज बारिश के बावजूद टिहरी के कई मूल निवासियों समेत गढ़वाल मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक अनिल गबरियाल भी अपनी यादें ताजा करने आये थे। वह 4 साल टिहरी में परगनाधिकारी रहे। आज टिहरी वासियों ने “एक थी टिहरी” रेप्लिका पर हर साल की तरह दिए जला कर टिहरी को याद किया। यह कार्यक्रम 2007 से अनवरत हो रहा है। सुबोध बहुगुणा का कहना है कि भिलंगना भागीरथी के संगम पर बसी टिहरी भले ही जलमग्न हो गई हो पर टिहरी वालों के मन में वह हमेशा जिंदा रहेगी।
कार्यक्रम में विनोद उनियाल, प्रभाकर उनियाल, कुसुम रावत, कांता बहुगुणा, इंदु बहुगुणा,शशि रतूड़ी, चक्रधर रतूड़ी, कनिका आनंद, अजयकांत शर्मा, राजेन्द्र मंद्रवाल डॉ राजेन्द्र सेमवाल समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।