देहरादून-अभ्युदय वात्सलयम की अध्यक्ष “डॉ गार्गी मिश्रा” ने पृथ्वी दिवस पर सभी लोगों से निवेदन करते हुए कहा कि “इस वर्ष एक क़दम अपनी धरती के लिए….“पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों परित:+ आवरण से मिलकर बना है। जिसमें परित: का अर्थ है —- “हमारे चारों तरफ और आवरण का अर्थ है— एक तरह का सुरक्षा घेरा”
ज्ञातव्य है कि 22 अप्रैल को मनाए जाने वाले पृथ्वी दिवस की शुरूआत एक अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने सांता बारबरा, कैलिफ़ोर्निया में 1969 के भारी तेल रिसाव की बर्बादी को देखने के बाद की थी ।
आज पूरी दुनिया पृथ्वी दिवस (अर्थ डे) मना रही है । बग़ैर पर्यावरण के हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। यही कारण है कि हम पर्यावरण संरक्षण और पृथ्वी को बचाने के लिए हर साल 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाते हैं और इसके संरक्षण के लिए संकल्प लेते हैं।

लेकिन आज के दिन आइए हम और आप मिलकर ये संकल्प ले कि—
(1)— हम हर महीने एक पेड़ अवश्य लगाएँगे ।
(2)— अपना खुद का पानी का बोतल और अपना खुद का किराने का थैली साथ लेकर चलेंगे ।
(3)— स्थानीय स्तर पर ऊगाई जाने वाली सब्ज़ियाँ ख़रीदेंगे ।
(4)— यथा संभव पैदल चलेंगे, साइकिल चलाएँगे व शाकाहारी बनेंगे।
(5)— वातावरण स्वच्छ रखेंगे व प्रिंट कम से कम निकालेंगे ।
यदि हो सके तो अधिक पेड़ लगाएँ, हरियाली बढ़ाएँ, प्रदूषण हटाएँ, पर्यावरण बचाएँ , स्वच्छ हवा बाँटे व पायें।याद रखिए कि हमें पृथ्वी दिवस मनाने की आवश्यकता हर दिन और हर पल है।


