दोहरी नीति अपनाने पर उठे सवाल/ 42 हजार पर उग्र प्रदर्शन परन्तु 72 लाख पर खामोशी/ न कोई न्यूज़ न धरना प्रदर्शन

National Uttarakhand

(सुरेन्द्र अग्रवाल द्वारा)

देहरादून:-गत दिवस रिंग रोड, देहरादून पर स्थित सूचना निदेशालय पर पत्रकारों के एक समूह द्वारा मात्र 42-42 हजार का विज्ञापन कुछ पोर्टल को देने को मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कथित उग्र धरना प्रदर्शन किया गया। जबकि वर्तमान महानिदेशक वंशीधर तिवारी जी को पद भार ग्रहण किए एक पखवारा भी नहीं हुआ है।.
इस आप्रंगिक धरना प्रदर्शन की जब बारीकी से समीक्षा की गई तो समीक्षको ने यह निष्कर्ष निकाला कि इस धरना प्रदर्शन के पीछे कोई “हिडिन एजेन्डा” अवश्य है। यह हिडिन एजेन्डा महानिदेशक वंशीधर तिवारी जी को अस्थिर करना या दवाब मे लेना या कुछ अन्य हो सकता है।

*प्रतिनिधिमंडल की मांग पर 344 पोर्टलो को जारी कर दिया 76 लाख का विज्ञापन जारी करवा चुके हैं महानिदेशक :- महानिदेशक को लाखो करोड़ो का विज्ञापन जारी करने का अधिकार विधिक तौर पर प्राप्त है, सभी महानिदेशको ने अपने इस अधिकार का भरपूर उपयोग भी किया है। वंशीधर तिवारी जी ने तो बड़ी धनराशि वाला एक भी विशेषांक अभी तक जारी नहीं किया है, फिर भी ऐसे आरोप क्यों ?

प्राप्त विवरण के अनुसार पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने महानिदेशक वंशीधर तिवारी जी से मुलाकात कर लगभग 15 न्यूज़ पोर्टल को 42 -42 हजार का विज्ञापन विशेषांक के रूप मे जारी किए जाने पर आपत्ति जताई। वंशीधर तिवारी जी ने सह्रदयता का परिचय देते हुए प्रतिनिधिमंडल की हर बात को न केवल गंभीरता से सुना, वरन तुरंत सभी 344 न्यूज़ पोर्टल को प्रति पोर्टल 21 हजार की दर से करीब 76 लाख का विज्ञापन जारी करवा दिया।
*सत्तर फीसदी कमीशन दिए जाने की चर्चा के दौरान दिए गए लाखों की धनराशि के विशेषांको पर क्यों नहीं हुआ कभी धरना प्रदर्शन:- सभी पत्रकार बन्धुओं को याद ही होगा कि कुछ वर्षों पूर्व सूचना विभाग मे एक ऐसा दौर भी रहा है,जब कुछ न्यूज़ पोर्टल को 42 हजार जैसी मामूली धनराशि नहीं वरन पांच पांच लाख के विशेषांक दिए गए। लघु श्रेणी के अखबारों को तीन से लेकर पांच लाख जैसी बडी रकम के विज्ञापन जारी किए गए, जिनमें पत्रकारों के मध्य व्यापक चर्चा रही कि सत्तर फीसदी कमीशन देने पर यह विशेषांक जारी हुए हैं। विचारणीय प्रश्न है कि इस समय उग्र धरना वाले पत्रकारों ने उस समय इसके विरोध मे ज्ञापन तक नहीं दिया और न ही छोटी सी न्यूज़ भी जारी की।


*”खबर मानक” नामक मैगजीन के 72 लाख के बिल की प्रति घूमती रही सोशल मीडिया पर, तब भी कोई पत्रकार आक्रोशित नहीं हुआ:- जनवरी 2022 मे सोशल मीडिया मे दिल्ली की एक अनजान मैगजीन “खबर मानक” द्वारा सूचना मे जमा कराए गए बिल रू 7199992-80 की कापी बहुत प्रसारित होती रही। उस समय भी उग्र प्रदर्शन वाले किसी पत्रकार को लेशमात्र भी आक्रोश नहीं आया। तब भी कोई न्यूज़ तक नहीं छापी गई और न ही कोई धरना प्रदर्शन किया गया।
*मीडिया प्रतिनिधियों के अनुरोध पर सभी महानिदेशक जारी करते रहे हैं विशेषांक:- मीडिया प्रतिनिधियों के अनुरोध पर सभी महानिदेशक विशेषांक जारी करते रहे हैं। छोटे साइज के अखबारों को चार पृष्ठ, फुल साइज के अखबारों को डीएवीपी दर पर एक या दो पेज, न्यूज़ पोर्टल के संचालक के अनुरोध पर चालीस-पचास हजार का विशेषांक अवश्य ही मिलना चाहिए। सभी महानिदेशक ऐसा करते भी रहे हैं। यही अनुरोध वंशीधर तिवारी जी से रहेगा कि मीडिया प्रतिनिधियों के अनुरोध पर ऐसे विशेषांक अवश्य ही जारी किए जाएं। यह अवश्य है कि दस लाख,बीस लाख,पचास पचास लाख के विज्ञापनों पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
*वंशीधर तिवारी जी जैसा विनम्र, मिलनसार,कर्मठ महानिदेशक पसंद नहीं आ रहा है एक लाबी को :- सूत्रो का दावा है कि दवाब बनाकर मलाई खाने वाली एक लाबी को वंशीधर तिवारी जी जैसा विनम्र, मिलनसार महानिदेशक पसंद नहीं आ रहा है। पहले वाले कई महानिदेशक सचिवालय मे ही बैठते थे और चन्द खास लोगों से मिलते थे।, ऐसे पत्रकार इस बात से बेहद परेशान हैं कि रणबीर सिंह चौहान के बाद फिर एक ऐसा महानिदेशक आ गया जो सूचना निदेशालय व सचिवालय के मीडिया सेंटर मे घन्टो बैठकर आम पत्रकारों से भी मिलता और गम्भीरता से उनकी बातो को सुनता व समझता है।
*पाठ्य पुस्तकों के वितरण मे विलम्ब होने पर रोक दी थी खुद की सेलरी/ गर्व है ऐसे महानिदेशक पर :- वंशीधर तिवारी जी जैसा महानिदेशक मिलना निःसंदेह मुझ जैसे सामान्य पत्रकार के लिए बेहद गर्व की बात है क्योंकि शिक्षा विभाग के महानिदेशक के रूप मे श्री तिवारी जी ने बच्चों की पाठ्य-पुस्तकों मे विलम्ब होने पर खुद के सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों की सेलरी रोक दी थी।

  • यदि हम गलत का विरोध करते है तो सही का खुलकर समर्थन भी करना होगा :– निष्पक्ष, निर्भीक लेखन में यकीन रखने वाले सूर्यजागरण का मानना है कि यदि हम गलत बात का मुखर विरोध करते है तो सही का खुलकर समर्थन की आदत भी बनानी होगी।

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