कॉल रिसीव ना करने पर अधिकारी को गढ़वाल कमिश्नर की कड़ी चेतावनी, स्वास्थ्य निदेशक समेत 3 कर्मी मिले नदारद

Uttarakhand

पौड़ी: जिम्मेदार अधिकारी जनता के हितैषी होने की बात तो करते हैं, लेकिन समय आने पर फोन तक नहीं उठाते. लोगों का आरोप है कि ज्यादातर अधिकारी लोगों का फोन तक रिसीव नहीं करते हैं, समस्या के निस्तारण की बात तो छोड़ ही दीजिए. गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडेय पौड़ी पहुंचते ही पूरी तरह एक्शन मोड में दिखे. उन्होंने साफ संदेश दिया कि शासन और प्रशासन की पहली जिम्मेदारी जनता की समस्याओं का समाधान करना है और इस जिम्मेदारी से कोई भी अधिकारी पीछे नहीं हट सकता. हाल ही में यह शिकायत सामने आई थी कि जिले के कई अधिकारी जनता के फोन तक रिसीव नहीं करते हैं. जिसको लेकर आयुक्त ने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी.

उन्होंने कहा कि जनता उम्मीद के साथ फोन करती है. कॉल ना उठाना ना सिर्फ गैर-जिम्मेदारी है, बल्कि जनता के विश्वास के साथ धोखा भी है. भविष्य में यदि इस तरह का रवैया देखने को मिला तो कठोर कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद आयुक्त ने विभिन्न विभागों का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य निदेशक कार्यालय में बड़ी लापरवाही सामने आई, यहां स्वास्थ्य निदेशक स्वयं और तीन कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए. इस पर आयुक्त ने नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि तत्काल सचिव स्वास्थ्य और डीजी स्वास्थ्य को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी जाए और अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं सीधे आम जनता के जीवन से जुड़ी होती हैं, ऐसे में किसी भी प्रकार की लापरवाही या गैरजिम्मेदारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.आयुक्त ने स्पष्ट किया कि अब जिले में ढिलाई और गैर-जिम्मेदाराना रवैये को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हर अधिकारी और कर्मचारी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. उन्होंने कहा कि जनता की शिकायतों का समाधान ही प्रशासन की प्राथमिकता है और इसके लिए सभी विभागों को चौकन्ना और सतर्क रहना होगा.

आयुक्त के इस सख्त रुख से आमजन को भी भरोसा मिला है कि अब लापरवाह अधिकारियों पर नकेल कसेगी. स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि अधिकारी समय पर दफ्तर में मौजूद रहें और जनता की समस्याओं को गंभीरता से लें तो कई परेशानियां जड़ से खत्म हो सकती हैं. गढ़वाल आयुक्त के औचक निरीक्षण से कार्यालय में हड़कंप मच गया. आयुक्त की इस सख्ती से अब विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों में कामकाज को लेकर अनुशासन और जवाबदेही बढ़ने की संभावना है. वही उन्होंने अधिकारी और कर्मचारी अपने तैनाती स्थल पर नियमित रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए.

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