लुत्‍फ उठाइए भविष्य के स्वाद का

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– श्री चिराग पासवान

केंद्रीय मंत्री के रूप में सितंबर 2024 में मेरा पहला वर्ल्ड फूड इंडिया (डब्ल्यूएफआई) मेरे लिए यादगार अनुभव रहा । उन चार दिनों के दौरान, मैंने खेत से लेकर भोजन की थाली तक के पूरे इकोसिस्‍टम : वैश्विक खरीदारों के साथ राज्यों के मंडप, प्रौद्योगिकी के प्रदर्शनों के साथ-साथ एफपीओ और एसएचजी, और निवेश घोषणाओं के साथ-साथ नीतिगत संवाद को – एक साथ आते देखा। इसने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदीजी के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत को विश्‍व की खाद्य टोकरी बनाने के एक रणनीतिक मंच के रूप में डब्ल्यूएफआई की भूमिका की पुष्टि की
उस अनुभव ने 2025 की रूपरेखा तैयार की । खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की यात्राओं, उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ संवाद तथा गल्‍फूड और डब्‍ल्‍यूईएफ जैसे वैश्विक मंचों पर भागीदारी से मेरी यह धारणा और ज्‍यादा प्रबल हुई कि दुनिया को भारत की कृषि-खाद्य विविधता और क्षमताओं को देखने की जरूरत पहले से कहीं अधिक है । हमने अगले संस्करण को और भी ज्‍यादा साहसिक और परिणाम-केंद्रित बनाने, नवाचार को निवेश में बदलने और भारत को विश्वसनीय वैश्विक खाद्य केंद्र के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया।
इस महत्वाकांक्षा को नीतिगत अनुकूल परिस्थितियों, खासकर अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों से बल मिला है। अधिकांश प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर पाँच या शून्य प्रतिशत कर लगाकर, इन सुधारों ने इस क्षेत्र के लिए अनुकूल और प्रतिस्पर्धी माहौल तैयार किया है।
इस पृष्ठभूमि के साथ, हम 25 से 28 सितंबर तक डब्ल्यूएफआई 2025 की मेज़बानी के लिए तैयार हैं। इसका उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री करेंगे, जो इस क्षेत्र के लिए सरकार की उच्च प्राथमिकता को इंगित करता है। इस संस्करण में न्यूज़ीलैंड और सऊदी अरब भागीदार देश होंगे, जबकि जापान, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम और रूस फ़ोकस देश होंगे। सहकारी संघवाद का सशक्त उदाहरण प्रस्‍तुत करते हुए 21 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्‍थानीय खूबियों की झलक दिखाने वाले मंडपों के साथ इस आयोजन को समृद्ध करेंगे। डब्ल्यूएफआई प्रमुख प्रदर्शनियों और बी2बी मंचों के साथ ही साथ, एफएसएसएआई द्वारा तीसरे वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन और एसईएआई द्वारा 24वें इंडिया इंटरनेशनल सीफूड शो की मेज़बानी करेगा।
डब्ल्यूएफआई पूरी तरह सरकारी तंत्र की शक्ति से संचालित होता है। जहाँ एक ओर, हमारा मंत्रालय नेतृत्व करता है, वहीं हम मूल्य श्रृंखला के सभी मंत्रालयों जैसे – पशुपालन एवं डेयरी, मत्स्य पालन, वाणिज्य, डीपीआईआईटी, कृषि एवं किसान कल्याण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आयुष, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और उनके अधीन एजेंसियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं ताकि उत्पादन, मानक, व्यापार और निवेश आपसी तालमेल से आगे बढ़ सकें।
डब्ल्यूएफआई का एजेंडा पाँच प्रमुख स्तंभों: स्थिरता और नेट-ज़ीरो खाद्य प्रसंस्करण; वैश्विक खाद्य प्रसंस्करण केंद्र के रूप में भारत; खाद्य प्रसंस्करण, उत्पाद और पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों में अग्रणी; पोषण और स्वास्थ्य के लिए प्रसंस्कृत खाद्य तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने वाले पशुधन एवं समुद्री उत्पाद-पर आधारित है। प्रत्येक स्तंभ को विशेष रूप से तैयार किए गए सत्रों, बी2बी बैठकों और अपनाने के तरीकों के साथ जोड़ा गया है, ताकि भागीदारी चर्चा से आगे कार्यान्वयन तक बढ़ सके।
पीएमएफएमई लघु-उद्यमियों की उल्लेखनीय सफलता डब्ल्यूएफआई के प्रभाव को दर्शाती है। निःशुल्क स्टॉल उन्हें आयोजन के केंद्र में बनाए रखते हैं, जिससे उनका घरेलू और वैश्विक दिग्गजों के साथ जुड़ाव संभव होता है। उनकी भागीदारी से करोड़ों के व्यापारिक ऑर्डर और स्थायी साझेदारियाँ प्राप्त हुई हैं। इस वर्ष भी कई उद्यमी लौट रहे हैं, क्योंकि हम गर्व सहित भारत के सबसे छोटे खाद्य उद्यमियों के लिए भी समान अवसर सुनिश्चित करते हैं।
डब्ल्यूएफआई का मुख्‍य आकर्षण सीईओ गोलमेज चर्चा है, जहाँ उद्योग जगत के दिग्‍गज, निवेशक और नीति निर्माता सहयोग को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए रणनीतिक संवाद में भाग लेते हैं। उल्लेखनीय है कि 2024 में यहाँ उठाए गए जीएसटी संबंधी मुद्दों ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों को जन्म दिया, जो हमारी सरकार के परामर्शी और उत्तरदायी दृष्टिकोण को दर्शाता है।
सही मायनों में समग्र होने के लिए, डब्ल्यूएफआई होरेका और एल्कोबेव क्षेत्रों सहित सभी हितधारकों को शामिल करता है और सभी उप-क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देता है। हम जैविक और टिकाऊ उत्पादों से समृद्ध अपने पूर्वोत्तर क्षेत्र को भी प्रमुखता दे रहे हैं। इसका मंडप पूर्वोत्तर को वैश्विक स्तर पर भारतीय जैविक ब्रांडों के लिए लॉन्चपैड बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए असम की चाय से लेकर मेघालय की हल्दी तक सब कुछ प्रदर्शित करेगा।
डब्ल्यूएफआई की विश्वसनीयता इसके काम के प्रदर्शन पर आधारित है। 2017 से, इसने 38,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा का निवेश हासिल किया है। 2024 के संस्करण में 1,500 से ज़्यादा प्रदर्शक और 20 कंट्री पेवेलियन शामिल हुए, जिससे 93 मिलियन डॉलर के व्यापारिक ऑर्डर मिले। 50 से ज़्यादा नई प्रसंस्करण इकाइयों का उद्घाटन किया गया, 25,000 लघु उद्यमों को सब्सिडी दी गई और 245 करोड़ रुपये के शुरुआती निवेश से एसएचजी की 70,000 महिलाओं को मदद मिली। 1,100 से ज़्यादा क्यूआर-कोडेड अचार की किस्मों वाली एक वॉल, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है, छोटे उत्पादकों के लिए सीधी बाज़ार पहुँच को दर्शाती है। ये उपलब्धियाँ डब्ल्यूएफआई को निवेश, नवाचार और समावेशी विकास के एक सतत इंजन के रूप में रेखांकित करती हैं।
डब्ल्यूएफआई के लिए सबसे मज़बूत समर्थन ख़ुद उद्योग जगत से ही आता है। प्रदर्शनी के लिए बुक किया गया कुल क्षेत्रफल 43% बढ़कर, एक साल में 70 हज़ार वर्ग मीटर से बढ़कर 1 लाख वर्ग मीटर हो गया है, जो विकास और साझेदारी के लिए बाज़ार के इस प्लेटफ़ॉर्म पर अपार विश्वास को इंगित करता है।
वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 एक सरल तर्क : जब नवाचार निवेश और मानकों से मिलता है, तो समृद्धि अपने आप आती ​​है – को साकार करता है। यही वह स्‍थान है, जहाँ एक स्टार्ट-अप अंतर्राष्‍ट्रीय निवेशकों के सामने अपना आ‍इडिया प्रस्‍तुत कर सकता है, एक एसएचजी ऑर्गेनिक अचार के लिए खरीदार ढूंढ सकता है, और राज्य बहुराष्ट्रीय संयंत्रों को आकर्षित कर सकते हैं। जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है, भारत की खाद्य विविधता प्रत्येक वैश्विक निवेशक के लिए लाभांश है। खाद्य प्रसंस्करण ही वह कड़ी है, जो इस क्षमता को रोज़गार, किसानों की बेहतर आमदनी और अधिक मूल्यवर्धित निर्यात में बदल देती है।

सभी पाठकों, हितधारकों और शुभचिंतकों के लिए: वर्ल्ड फ़ूड इंडिया 2025 में हमारे साथ जुडि़ए और इस बात के साक्षी बनिए- कि किस प्रकार 1.4 बिलियन आबादी वाला राष्ट्र तकनीक, नवाचार और समर्पण से “ समृद्धि के लिए प्रसंस्‍करण” कर रहा है। तो तैयार हो जाइए, एक ऐसे आयोजन के लिए – जहाँ साहसिक दृष्टिकोण और शानदार स्वाद मिलकर संभावनाओं की एक नई दुनिया को प्रेरित करते हैं।

(लेखक केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं। ये लेखक के निजी विचार हैं।)

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