देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की मौत के मामले में उनके पिता तरुण प्रसाद चकमा से बात की. फोन पर बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “यह एक दुखद घटना थी. इस घटना से सभी बहुत दुखी हैं. हम इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगे. इस अपराध को करने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है. एक व्यक्ति नेपाल का था; वह फरार है. हमने उसे पकड़ने के लिए इनाम की घोषणा की है और उसे पकड़ने के लिए एक टीम भेजी है. एक माता-पिता के लिए इससे ज़्यादा दर्दनाक क्या हो सकता है?… हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिले. मैंने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा से भी बात की है. गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, सभी ने इस बारे में बात की है. ऐसी घटनाएं यहां नहीं होती हैं. यहां ऐसा माहौल नहीं है. हम इस मुश्किल घड़ी में आपके साथ हैं. हम यहां से आपको हर संभव मदद देंगे.”
वहीं टिपरा मोथा पार्टी प्रमुख प्रद्यूत ने कहा, ‘मैंने सुना है कि सरकार ने कहा है कि जो लोग चकमा के हत्यारे के बारे में जानकारी देंगे. उन्हें 25,000 रुपये दिए जाएंगे!! मैं अनाउंस करता हूं कि अगर कोई उसके हत्यारों के बारे में जानकारी देगा तो मैं 10 लाख रुपये दूंगा. क्या 25,000 रुपये उसकी ज़िंदगी की कीमत है? क्या वे हमारे साथ इसी तरह का बर्ताव करते हैं?’ देहरादून में त्रिपुरा की छात्रा एंजेल चकमा की मौत के संबंध में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, ‘मैंने इस मामले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की. उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि वे न्याय सुनिश्चित करेंगे. पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और एक-दो और लोग संभवतः फरार हैं, जिन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा.’
इसके अलावा त्रिपुरा के सीएम ने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि जांच में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए. उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वे न्याय दिलाएंगे और उन्होंने पहले ही पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. मैंने आज उनसे (पीड़ित परिवार से) बात करने की कोशिश की. मैं उनसे मिलूंगा और इस घटना के बाद से मैं स्थानीय विधायक के साथ नियमित संपर्क में हूं. हम उन्हें हर तरह से सहयोग देने के लिए तैयार हैं.’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘देहरादून में अंजेल चकमा और उनके भाई माइकल के साथ जो हुआ, वह एक भयावह हेट क्राइम है. नफरत रातोंरात पैदा नहीं होती. वर्षों से इसे रोजाना, खासकर हमारे युवाओं को, जहरीली सामग्री और गैर-जिम्मेदार बयानों के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है और सत्ताधारी भाजपा के नफरत फैलाने वाले नेतृत्व द्वारा इसे सामान्य बना दिया गया है. भारत सम्मान और एकता पर बना है, न कि भय और दुर्व्यवहार पर. हम प्रेम और विविधता का देश हैं. हमें एक ऐसा मृत समाज नहीं बनना चाहिए जो साथी भारतीयों को निशाना बनाए जाने पर आंखें मूंद ले. हमें आत्मचिंतन करना चाहिए और यह समझना चाहिए कि हम अपने देश को किस ओर जाने दे रहे हैं. मेरी संवेदनाएं चकमा परिवार और त्रिपुरा तथा उत्तर-पूर्वी भारत के लोगों के साथ हैं. हमें आपको अपने साथी भारतीय भाई-बहन कहने पर गर्व है.

